दयार ऐ दिल की रात में चिराग सा जला गया
मिला नही तो क्या हुआ वो शक्ल तो दिखा गया
जुदाइयो के जख्म दर्द ऐ जिंदगी ने भर दिए
तुझे भी नीद आ गयी मुझे भी सब्र आ गया
मिला नही तो क्या हुआ वो शक्ल तो दिखा गया
ये सुबह की सफेदिया ये दोपहर जर्दियाँ
अब आईने में देखता हु मई कहा चला गया
मिला नही तो क्या हुआ वो शक्ल तो दिखा गया
दयार ऐ दिल की रात में चिराग सा जला गया
वो दोस्ती तो खैर अब नसीब ऐ दुश्मना हुयी
वो छोटी छोटी रंजिशो का लुत्फ़ भी चला गया
मिला नही तो क्या हुआ वो शक्ल तो दिखा गया
दयार ऐ दिल की रात में चिराग सा जला गया
ये खुशी की रेत पर गमो को नीद आ गयी
वो लहर किस तरफ़ गयी, ये मई कहा समा गया
मिला नही तो क्या हुआ वो शक्ल तो दिखा गया
Sniger : Ghulaam ali, AAsha bhosale
Lyrics: nasser kajmi
Friday, November 27, 2009
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment