शाम ऐ गम कुछ उस निगाह ऐ नाज की बातें करो
बेखुदी बढती चली है राज की बातें करो
शाम ऐ गम कुछ उस निगाह ऐ नाज की बातें करो
हाल ऐ सुबह होने उसी अंदाज की बातें करो
शाम ऐ गम कुछ उस निगाह ऐ नाज की बातें करो
जो आदम की जान है जो है पयाम ऐ जिंदगी
उस सुकून ते राज उस आवाज की बातें करो
शाम ऐ गम कुछ उस निगाह ऐ नाज की बातें करो
कुछ आपस की तीलियों से छान रहा है नूर साकुछ फजा me
शाम ऐ गम कुछ उस निगाह ऐ नाज की बातें करो
बेखुदी बढती चली है राज की बातें करो
Singer : Khalid,
Lyrics : Firaak gorakhpuri
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