Tuesday, November 17, 2009

Shaam e ghum

शाम ऐ गम कुछ उस निगाह ऐ नाज की बातें करो

बेखुदी बढती चली है राज की बातें करो

शाम ऐ गम कुछ उस निगाह ऐ नाज की बातें करो

हाल ऐ सुबह होने उसी अंदाज की बातें करो

शाम ऐ गम कुछ उस निगाह ऐ नाज की बातें करो

जो आदम की जान है जो है पयाम ऐ जिंदगी

उस सुकून ते राज उस आवाज की बातें करो

शाम ऐ गम कुछ उस निगाह ऐ नाज की बातें करो

कुछ आपस की तीलियों से छान रहा है नूर साकुछ फजा me

शाम ऐ गम कुछ उस निगाह ऐ नाज की बातें करो

बेखुदी बढती चली है राज की बातें करो


Singer : Khalid,

Lyrics : Firaak gorakhpuri

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