Wednesday, December 2, 2009

फ़िर वाही याद आने लगे hai

मुद्दतो हम पे घूम उठाये है
तब कही जाकर मुस्कुराए है
एक निगाह खुलूस की खातिर
जिंदगी भर फरेब खाए है

मुझे फ़िर वाही याद आने लगे है, जिन्हें भूलने में जमाने लगे है
सूना हमे वो भुलाने लगे है, तो क्या हम उन्हें याद आने लगे है
जिन्हें भूलने में जमाने लगे है, मुझे फ़िर वाही आने लगे है

ये कहना है उनसे मोहब्बत है मुझको, ये कहने में उनसे जमाने लगे है
जिन्हें भूलने में जमाने लगे है, मुझे फ़िर वाही आने लगे है

क़यामत यक़ीनन करीब आ गयी है, खुमार अब तो मस्जिद में जाने लगे है
जिन्हें भूलने में जमाने लगे है, मुझे फ़िर वाही yaad आने लगे है


singer :Hariharan,
Lyrics : khumaar barabanki

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