मुद्दतो हम पे घूम उठाये है
तब कही जाकर मुस्कुराए है
एक निगाह खुलूस की खातिर
जिंदगी भर फरेब खाए है
मुझे फ़िर वाही याद आने लगे है, जिन्हें भूलने में जमाने लगे है
सूना हमे वो भुलाने लगे है, तो क्या हम उन्हें याद आने लगे है
जिन्हें भूलने में जमाने लगे है, मुझे फ़िर वाही आने लगे है
ये कहना है उनसे मोहब्बत है मुझको, ये कहने में उनसे जमाने लगे है
जिन्हें भूलने में जमाने लगे है, मुझे फ़िर वाही आने लगे है
क़यामत यक़ीनन करीब आ गयी है, खुमार अब तो मस्जिद में जाने लगे है
जिन्हें भूलने में जमाने लगे है, मुझे फ़िर वाही yaad आने लगे है
singer :Hariharan,
Lyrics : khumaar barabanki
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment