Thursday, November 12, 2009

Jab Lage Jakhm

जब लगे जख्म तो कातिल को दुआ जाए
है यही रश्म तो ये रश्म उठा दी जाए
जब लगे जख्म तो कातिल को दुआ जाए

हम ने इंसानो के दुःख दर्द का हल ढूँढ लिया
क्या बुरा है जो ये अफवाह उदा दी जाए
जब लगे जख्म तो कातिल को दुआ जाए

हमको गुज़री हुयी सदिया तो न पहचानेगी
आने वाले किसी लम्हे को सदा दी जाए
जब लगे जख्म तो कातिल को दुआ जाए

हम से पूंछो की ग़जल क्या है ग़जल का फन क्या
चंद लफ्जो में कोई आग छुपा दी जाए
जब लगे जख्म तो कातिल को दुआ जाए
है यही रश्म तो ये रश्म उठा दी जाए

Singer :Ashok khosla
Lyrics : Jannisaar Akhtar

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