और कुछ देर पुकारूँगा, चला जाऊंगा
तुम परेशां न हो वादे का रोना न करो
इसी कूंचे में जहा चाँद उगा करते है
शब् ऐ तारिख गुजरुंगा चला जाऊँगा
रास्ता भूल गया या यही मंजिल है मेरी
कोई लाया है ख़ुद आया हु मालूम नही
कहते है हुस्न की नजरे भी हँसी होती है
मै भी कुछ लाया हूँ क्या लाया हूँ मालूम नही
यु जो कुछ भी मेरे पास था सब बेच आया
कही इनाम मिला और कही कुमत भी नही
कुछ तुम्हारे लिए आँखों में छुपा रखा है
देख लो और न देखो शिकायत भी नही
Singer : Rajendra Mehta
Wednesday, November 18, 2009
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