बस एक वक्त का खंजर मेरी तलाश में है
जो रोज भेष बदल कर मेरी तलाश में है
मै एक कतरा हूँ मेरा अलग वजूद तो है
हुआ करे जो समंदर मेरी तलाश में है
जो रोज भेष बदल कर मेरी तलाश में है
बस एक वक्त का खंजर मेरी तलाशी में है
मै देवता की तरह कैद अपने मन्दिर में
वो मेरे जिस्म के बाहर मेरी तलाश में है
जो भेष बदल कर मेरी तलाश में है
बस एक वक्त का खंजर मेरी तलाशी में है
मै जिसके हाथ में एक फूल देकर आया था
उसी के हाथ का पत्थर मेरी तलाश में है
जो रोज भेष बदलकर मेरी तलाश मई है
Singer : Jagjit singh,
Lyrics : krishn bihari noor
Wednesday, December 2, 2009
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