बस एक वक्त का खंजर मेरी तलाश में है
जो रोज भेष बदल कर मेरी तलाश में है
मै एक कतरा हूँ मेरा अलग वजूद तो है
हुआ करे जो समंदर मेरी तलाश में है
जो रोज भेष बदल कर मेरी तलाश में है
बस एक वक्त का खंजर मेरी तलाशी में है
मै देवता की तरह कैद अपने मन्दिर में
वो मेरे जिस्म के बाहर मेरी तलाश में है
जो भेष बदल कर मेरी तलाश में है
बस एक वक्त का खंजर मेरी तलाशी में है
मै जिसके हाथ में एक फूल देकर आया था
उसी के हाथ का पत्थर मेरी तलाश में है
जो रोज भेष बदलकर मेरी तलाश मई है
Singer : Jagjit singh,
Lyrics : krishn bihari noor
Wednesday, December 2, 2009
फ़िर वाही याद आने लगे hai
मुद्दतो हम पे घूम उठाये है
तब कही जाकर मुस्कुराए है
एक निगाह खुलूस की खातिर
जिंदगी भर फरेब खाए है
मुझे फ़िर वाही याद आने लगे है, जिन्हें भूलने में जमाने लगे है
सूना हमे वो भुलाने लगे है, तो क्या हम उन्हें याद आने लगे है
जिन्हें भूलने में जमाने लगे है, मुझे फ़िर वाही आने लगे है
ये कहना है उनसे मोहब्बत है मुझको, ये कहने में उनसे जमाने लगे है
जिन्हें भूलने में जमाने लगे है, मुझे फ़िर वाही आने लगे है
क़यामत यक़ीनन करीब आ गयी है, खुमार अब तो मस्जिद में जाने लगे है
जिन्हें भूलने में जमाने लगे है, मुझे फ़िर वाही yaad आने लगे है
singer :Hariharan,
Lyrics : khumaar barabanki
तब कही जाकर मुस्कुराए है
एक निगाह खुलूस की खातिर
जिंदगी भर फरेब खाए है
मुझे फ़िर वाही याद आने लगे है, जिन्हें भूलने में जमाने लगे है
सूना हमे वो भुलाने लगे है, तो क्या हम उन्हें याद आने लगे है
जिन्हें भूलने में जमाने लगे है, मुझे फ़िर वाही आने लगे है
ये कहना है उनसे मोहब्बत है मुझको, ये कहने में उनसे जमाने लगे है
जिन्हें भूलने में जमाने लगे है, मुझे फ़िर वाही आने लगे है
क़यामत यक़ीनन करीब आ गयी है, खुमार अब तो मस्जिद में जाने लगे है
जिन्हें भूलने में जमाने लगे है, मुझे फ़िर वाही yaad आने लगे है
singer :Hariharan,
Lyrics : khumaar barabanki
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