Wednesday, December 2, 2009

एक Khanjar

बस एक वक्त का खंजर मेरी तलाश में है
जो रोज भेष बदल कर मेरी तलाश में है
मै एक कतरा हूँ मेरा अलग वजूद तो है
हुआ करे जो समंदर मेरी तलाश में है
जो रोज भेष बदल कर मेरी तलाश में है
बस एक वक्त का खंजर मेरी तलाशी में है

मै देवता की तरह कैद अपने मन्दिर में
वो मेरे जिस्म के बाहर मेरी तलाश में है
जो भेष बदल कर मेरी तलाश में है
बस एक वक्त का खंजर मेरी तलाशी में है

मै जिसके हाथ में एक फूल देकर आया था
उसी के हाथ का पत्थर मेरी तलाश में है
जो रोज भेष बदलकर मेरी तलाश मई है

Singer : Jagjit singh,
Lyrics : krishn bihari noor

फ़िर वाही याद आने लगे hai

मुद्दतो हम पे घूम उठाये है
तब कही जाकर मुस्कुराए है
एक निगाह खुलूस की खातिर
जिंदगी भर फरेब खाए है

मुझे फ़िर वाही याद आने लगे है, जिन्हें भूलने में जमाने लगे है
सूना हमे वो भुलाने लगे है, तो क्या हम उन्हें याद आने लगे है
जिन्हें भूलने में जमाने लगे है, मुझे फ़िर वाही आने लगे है

ये कहना है उनसे मोहब्बत है मुझको, ये कहने में उनसे जमाने लगे है
जिन्हें भूलने में जमाने लगे है, मुझे फ़िर वाही आने लगे है

क़यामत यक़ीनन करीब आ गयी है, खुमार अब तो मस्जिद में जाने लगे है
जिन्हें भूलने में जमाने लगे है, मुझे फ़िर वाही yaad आने लगे है


singer :Hariharan,
Lyrics : khumaar barabanki